The Evidence For Bigfoot
हिममानव का अस्तित्व , हजारों सालों से दुनिया के लिए एक रहस्य बना हुआ है । जिसे अभी तक कोई सुलझा नहीं पाया है। इस पहेली को सुलाझाने के लिए नेशनल जियोग्राफी से लेकर डिस्कवरी जैसे बड़े और खोजी चैनल्स तक, इसकी खोज कर चुके हैं। लेकिन उनके हाथ भी कुछ नहीं लगा। बहुत लोगों ने समय-समय पर इसके देिखने की बात मानी हैं। यहां तक कि कई लोगों ने तो इसके होने के सबूत तक भी दिए जिसमें इसके ऊंची और बर्फीली पहाड़िंयों पर रहने के बारे में पता चलता है। इसीलिए लोग इसे हिममानव कहते हैं। आज हम आपको इससे जुड़े कई घटनाओं के बारे में बताएंगे।
कौन है हिममानव
हिममानव की घटनाओं के बारे में जानने से पहले हम आपको बताते हैं कि आखिर ये है कौन और कैसा दिखता है। हिममानव किसी एक जगह नहीं बल्कि दुनिया में कई जगह देखा गया है। जिसके कारण इसके कई नाम है। कोई इसे येति या बिग फुट कहता है तो कोई सेसक्वैच माउंट मैन(Sasquatch Mountain Man) । जहां भारत में इसे हिममानव कहते हैं तो वहीं ऑस्ट्रेलिया में इसे योवेई, इंडोनेशिया में साजारंग गीगी जैसे नामों से पुकारा जाता है। ये सबसे ज्यादा नेपाल, भारत और तिब्बत के हिमालय वाले इलाके में देखा गया है। इसीलिए लोग बर्फीली पहाड़िंयों को इसका घर मानते हैं।
कैसा दिखता है
इसके बारे में लोगों का कहना है कि ये सामान्य इंसान से लंबा है, जिसकी लंबाई लगभग 9 फीट और इसका वजन करीब दो सौ किलो हो सकता है । जो किसी राक्षष या यूं कहें कि किसी दानव से कम नहीं लगता । इसका पूरा शरीर बालों से ढका हुआ था। हिममानव की आंखें बहुत लाल थी। इसको देखने वालों का कहना है कि ये रहस्मयी दानव इंसानों की तरह दो पैरों पर चलता है। ये ऊंची पहाड़ियों पर पाए जाने वाले जानवरों का शिकार कर, खाता है। उनका कहना है कि वैसे तो ये दिन में सोया रहता है और अपने शिकार के लिए रात को बाहर निकलता है। इसीलिए शायद ये बहुत कम लोगों को दिखाई देता है । कई लोगों नें इसे कम ऊंचाई वाली जगहों पर रहने वाले लंगूर -बंदर, तिब्बत के नीले भालू और हिमालय के भूरे भालू जैसा भी बताया है।
हिममानव का घर
रूस के साइबेरिया इलाके में भी दावा किया जाता है कि यहां के पहाड़, बड़े बाल वाले हिममानव का घर है। दुनियाभर के वैज्ञानिक आज भी इसके अस्तित्व को लेकर इस पर रिसर्च कर रहें हैं। उनका मानना है कि हो सकता है कि – हिमालय के र्बर्फीले और उंचे पहाड़ो में हिममानव की एक अलग ही दुनिया हो और जो इंसानों से दूर ही रहना पसंद करते हों । दुनियाभर के वैज्ञानिक आज भी इसके अस्तित्व को लेकर इस पर रिसर्च कर रहें हैं। उनका मानना है कि हो सकता है कि – हिमालय के र्बर्फीले और उंचे पहाड़ो में हिममानव की एक अलग ही दुनिया हो और जो इंसानों से दूर ही रहना पसंद करते हों ।
हिममानव पर बनी,फिल्में और टीवी शो
हिममानव किसी अनसुलझी पहेली से कम नहीं है जिस पर कई किताबें लिखी गई हैं, इसके साथ ही इस पर कई टीवी शो और दर्जनों फिल्में बनाई जा चुकीं हैं। जिनमें इसे एक खूंखार और डरावने दानव या शैतान के रूप में दिखाया गया है। इसमें ‘द एबोमिनेबल शोमैन’, ‘डाक्टर हू’, ‘बग्स बनी कार्टून’, ‘देट्स शो घोस्ट’, ‘द माइटी बुश’, ‘कॉल आफ ए यति’ जैसे शो शामिल है। बालीवुड फिल्म ‘अजूबा कुदरत का’ में भी एक हिममानव को दिखाया गया था।
पहली बार चर्चा में कब आया हिममानव
1832 में दुनिया को पहली बार हिममानव के बारे में पता चला। उससे पहले किसी ने सोचा नहीं था कि हिममानव जैसा भी कोई जीव होगा। आपको बता दें कि इसके के बारे में सबसे पहले बी.एच. होजसन(Brian Houghton Hodgson) को पता चला था। जो एक पर्वतारोही थे। एशियाटिक सोसाइटी के जर्नल में अपनी हिमालय की चढ़ाई के अनुभवों के बारे में उन्होंने लिखा था कि1832 में उत्तरी नेपाल के पहाड़ी इलाके में उनके गाइड ने लंबे बालों वाले एक विशालकाय जीव को देखा। जो एक राक्षष के समान बहुत बड़ा और डरावना था। जिसे देखकर गाइड वहां से भाग गया।
होजसन ने लेख में लिखा कि उन्होंने खुद कुछ नहीं देखा, लेकिन इस घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने उस अनजान प्राणी को यति नाम दिया। इसके बाद से यति के देखे जाने और उसके पैरों के निशान मिलने के कई दावे किए गए। यहां तक की कई लोगों ने बिग फुट की फोटो तक खींच कर दुनिया को समझाने की बात कही है। कई पर्वतारोहियों ने भी अपनी किताबों में इसका जिक्र किया है।
बर्फीले पहाड़ों के बीच, अजीब प्राणी
फिर 1925 में रॉयल ज्योग्रॉफिकल सोसाइटी के फोटोग्राफर एम.ए. टॉमजी ने हिममानव देखने की बात कही। उनका कहना था कि जब वो जेमू ग्लेशियर के पास फोटो ग्राफी कर रहे थे तो उन्होंने एक अजीब प्राणी को देखा। जिसके शरीर की बनावट एक इंसान की तरह थी। उसके शरीर पर बहुत ज्यादा बाल थे। जो इंसानों की तरह चल रहा था। उन्होंने उसे 1 मिनट तक देखा लेकिन कुछ ही देर में वो बर्फीले पहाड़ों के बीच कहीं खो गया। बाद में जब टॉमजी उस जगह गए ,जहां पर हिममानव मौजूद था । वहां उन्हें सात इंच लंबे और चार इंच चौड़े पैरों के निशान मिले थे । जो शायद उसी हिममानव के रहे हों।
मददगार और दयावान है हिममानव
1938 में हिममानव फिर से चर्चा में आने लगा। इसकी वजह थी कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल की देखरेख करने वाले कैप्टन । जहां सारी दुनिया हिममानव को खूंखार और जानलेवा जीव मान रही थी , वहीं कैप्टन के एक बयान से पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया। उनका दावा था कि हिममानव एक मददगार और दयावान प्राणी है । कैप्टन ने बताया कि हिमालय की यात्रा के दौरान जब वो बर्फीली ढलान पर गिर कर घायल हो गए । तब दानव जैसे दिखने वाले एक 9 फीट के लंबे प्राणी ने उनकी जान बचाई । उसने उन्हें उठाया और अपनी गुफा में ले गया। वो हिममानव ही था जिसने उनका उपचार कर उन्हें ठीक किया ।
1953 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले पहले इंसान सर एडमंड हिलेरी ने भी यहां पर बड़े पैरों के निशान दिखाई देने की बात कही थी। जो किसी साधारण इंसान के पैर के आकार से कहीं बड़े थे।लेकिन लोगों ने उस बात को सच न मान कर मनगढ़ंत कहानी बताया। इसलिए उन्होंने उसकी तस्वीरें खींचीं । फिर दुनिया के सामने उन फोटोज़ को पेश कर दिया। इसके बाद हिममानव की खोज की गई । लेकिन हकीकत ये है कि अभी तक इसके होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है।
हैवान और डरावना है
हिममानव से जुड़ी एक बहुत ही दिलचस्प घटना है,एवरेस्ट के एक गांव की। जो बहुत फेमस है। 1974 में एक शेरपा, लड़की अपने याक चरा रही थी। उसने बंदर जैसे एक विशाल प्राणी को देखा। लड़की उसे देखकर डर गयी। वो लड़की का हाथ पकड़कर उसे ले जाने लगा। लड़की के जोर-जोर से चिल्लाने पर उसने लड़की को तो छोड़ दिया । लेकिन उसके याक को मार कर उसका मांस खाता हुआ दूर घने जंगल में चला गया।
गारों गिल्स में आखिरी बार दिखा हिममानव
2008 में एक जापानी एडवेंचरर ने दावा किया था कि उन्हें भी बड़े पैरों के निशान मिले । जो आठ इंच के थे और इंसानी पैर जैसे दिख रहे थे। उसी साल भारत के मेधालय के गारों गिल्स की पहाडियों में हिममानव के देखे जाने की बात सामने आई। वहां के गांव में रहने वाले लोगों का दावा था कि उन्होंने एक ऐसे जीव को देखा है जो इंसानों की तरह दिखाई दे रहा था लेकिन इसकी लंबाई 10 फीट थी और इसके शरीर पर भालू की तरह बाल ही बाल थे।जिसके बाद खोजी दल ने वहां कि पहाड़ियों में हिममानव की खोज की, लेकिन उनके हाथ कुछ ना लगा।
इसी तरह सैकड़ों लोगों ने हिममनव को देखने के दावे किए हैं। लेकिन इसके होने के कोई भी पुख्ता सबूत नहीं मिल पाएं है। फिलहाल अभी तक इसके होने या ना होने के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
ये आज भी एक मिस्ट्री ही बना हुआ है। जिसके बारे में बस कुछ लोगों से सुना जा सकता है । हमें कमेंट कर जरूर बताएं की आपको ये कहानी कैसी लगी? इसे शेयर और लाइक करना ना भूलें, धन्यवाद।