ब्रहमांण के रहस्यों के बारे में जानने के लिए दुनिया भर के देश अंतरिक्ष में कई Space Shuttle भेजते है। जिसकी वजह से वहां बहुत से खतरनाक हादसे या विस्फोट हुए। जिसमें कई Astronauts को अपनी जान भी गवानी पड़ी या फिर वो किसी भयंकर हादसे के शिकार हो गए । आज हम आपको अंतरिक्ष में हुए ऐसे ही कुछ हादसों और जानलेवा विस्फोटों के बारे में बताएंगे…
Top 10 Space Shuttle Disasters In History
SPACE SHUTTLE CHALLENGER
नासा के इतिहास में सबसे खतरनाक अंतरिक्ष हादसों में से एक है SPACE SHUTTLE CHALLENGER। जिसमे मौजूद सभी सदस्यों की आग लगने से मौत हो गई। 28 जनवरी 1986 में नासा के इस स्पेस शटल चैलेंजर ने अपने दसवें मिशन के लिए उड़ान भरी और दुर्घनाग्रस्त हो गया। इसमें 7 ASTRONAUTs की मौत हुई। ये लॉन्च होने के सिर्फ 73 सेकेंड में ही टुकड़ों में बिखर गया। जांच में पता चला कि ज्यादा ठंड में लॉन्च होने की वजह से इसकी ओ-रिंग ने काम करना बंद कर दिया। जिससे ये कुछ सेकेंड में ही फट गया । इस ओ-रिंग को ज्यादा ठंडे मौसम में काम करने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया था। लांच से पहली रात को तापमान शून्य से 8 डिग्री नीचे तक चला गया । चैलेंजर के बाहरी फ़्यूल टैंक में विस्फोट इसके नष्ट होने का मुख्य कारण बना। जांच में ये भी पता चला कि शायद आग लगने के समय सभी ASTRONAUTs जीवित थे लेकिन शटल और समुद्र के पानी के दबाव के कारण उनकी मृत्यु हो हुई। इस SPACE STAION के हादसे के दो साल बाद तक नासा ने कोई मिशन लॉन्च नहीं किया।
SPACE SHUTTLE COLUMBIA DISASTER
20003 में हुए अंतरिक्ष हादसे ने सभी को चौंका दिया था क्योंकि ये हादसा शटल के मिशन पूरा करने के बाद। पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करते हुए हुआ। पृथ्वी से केवल 16 मिनट की दूरी पर शटल में एक खतरनाक विस्फोट हुआ। जिसमें भारत की कल्पना चावला समेत सभी सात ASTRONAUTS की मौत हो गई । पृथ्वी पर उतरते समय यान की रफ़्तार 18 मैक यानी ध्वनि की गति से 18 गुना ज्यादा थी जांच में पता चला कि ये लॉन्च के दौरान मलबे से टकरा गया था और इससे SPACE SHUTTLE के LEFT WING को नुकसान पहुंचा। जहां से गैसों के आदान प्रदान में मुश्किल होने लगी। इस विस्फोट में बोर्ड के सभी सदस्यों की मौत हो गई। यान और यात्रियों के टुकड़े लगभग 207 किलोमीटर के AREA में बिखर गए। बतां दें, इस स्पेस शट्ल ने 27 मिशन पूरे किए । ये इसका 28 वां या यूं कहे कि आखिरी मिशन था। कोलंबिया के प्रोग्राम मैनेजर वेन हेल के मुताबिक नासा को पता था कि स्पेस शटल कोलंबिया अपने मिशन से लौटते वक्त दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगा । इसमें सवार सभी अंतरिक्ष यात्री मर सकते हैं । इसकी उड़ान को तकनीकी कारणों के कारण कई बार रद्द भी किया गया। लेकिन इसके बावजूद भी इसे उड़ान के लिए भेजा गया। ये कोई पहली घटना नहीं थी जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हुई, लेकिन धरती पर लौटते समय हुई सबसे ज्यादा मौतों में से ये पहला हादसा था।
Soyuz 11 SPACE CRAFT
रूसी अंतरिक्ष यान के सफर में सबसे भयानक अंतरिक्ष दुर्घटनाओं में से एक है SOYUZ 11। अंतरिक्ष मिशन के दौरान मरने वाले व्लादिमिर कोमेरेव(Vladimir Komarov) भले ही पहले व्यक्ति हों। लेकिन अंतरिक्ष में सबसे पहले तीन यात्रियों ने जान गवांई थी। ये तीनों भी रूस के ASTRONAUT थे। 1971 में रूस के पहले स्पेस स्टेशन सेल्यूट 1 पर जब Soyuz 11 SPACE CRAFT भेजा गया था, तो इसमें तीन अंतरिक्षयात्री सवार थे । जिनका नाम विक्टर पेत्सयेव, व्लादिस्लेव वोलकोव और ज्यॉर्जी था। इस यान ने SPACE STATION पर SAFE लैंडिंग की थी। 30 जून 1 9 71 को, soviet union एक अद्भुत अंतरिक्ष मिशन के बाद अपने तीन अंतरिक्ष यात्रियों का स्वागत करने के लिए तैयार था। लेकिन धरती पर मौजूद अंतिरक्ष विज्ञानी उस दौरान हैरान रह गए जब उन्होंने इन तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को मृत पाया। उनके मुंह, कान और नाक से खून निकल रहा था ।जांच में पता चला कि ऑक्सीजन वॉल्व के बंद होने से दम घुटने के कारण इनकी मौत हुई ।
SOYUZ T-10
SOYUZ T-10 शटल को 1 9 75 में लॉन्च किया गया और लॉन्च के सिर्फ 5 मिनट बाद, ये ऊपर अंतरिक्ष में जाने की बजाए तेजी से पृथ्वी की तरफ 21G force के साथ नीचे आने लगा। आपको बतां दें वैसे नॉर्मल लैंडिंग के समय किसी भी स्पेस क्राफ्ट के TAKE OFF पर मात्र 0.35G का फोर्स लगता है। हालांकि, इसमें बैठे तीन अंतरिक्ष यात्री बच गए और उन्होने parachute की मदद से साइबेरिया के पहाड़ पर लैंडिंग की । मौत को मात देते हुए अपनी जान बचाई ।
SOYUZ 1
भले ही व्लादिमिर कोमेरेव (Vladimir Komarov) बाहरी अंतरिक्ष में दो बार प्रवेश करने वाले पहले व्यक्ति थे लेकिन दूसरी यात्रा सफल होने से पहले ही उनकी मौत हो गई। सोयुज़ 1 पृथ्वी की कक्षा में था और उसके बाद सोयुज़ 2 के साथ मिलकर काम करने वाला था। लेकिन सोयुज़ 2 को लॉन्च करने में समस्याएं आ रही थी । क्योंकि शटल को संचालित करने वाले सौर पैनल खुलने में असफल हुए। कोमारोव ने इसे चलाने के लिए बहुत कोशिश की, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे.. जिसके बाद सोयुज 2 के मिशन को रोक दिया गया । इसीलिए कोमरोव ने पृथ्वी पर लौटने की तैयारी शुरू कर दी । सोयुज़ 1 , 24 अप्रैल, 1 9 67 को पृथ्वी पर आते हुए दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें कॉस्मोनॉट व्लादिमीर कोमारोव की मौत हो गई जिसकी वजह उनके Parachute के ठीक से ना खुलने बताया गया । कोमरोव की मौत अंतरिक्ष की रोशनी में पहली मौत थी और, उनकी मौत के बाद, दुर्घटना स्थल और रूस में उनके स्मारक बनाए गए ।
VOSKHOD 2
1965 में Voskhod , Extra Vehicular Activity को पूरा करने वाला पहला शटल बना। इसे अब स्पेसवॉक के नाम से जाना जाता था। लेकिन ये अपने खतरनाक लैंडिंग के लिए ज्यादा याद किया जाता है। पृथ्वी पर लौटते समय इसका automatic orientation device fail हो गया। Cosmonauts को इस craft की manual लैंडिंग करानी पड़ी । उरल के पहाड़ों में (Ural Mountains ) इसकी लैंडिंग सफल रही।
APOLLO 1
अपोलो 1 को इतिहास की सबसे खराब अंतरिक्ष हादसों में से एक माना जाता है क्योंकि ये वास्तविक launching के दौरान नहीं बल्कि सिमुलेशन के दौरान हुआ। 3 crew members लॉन्च के लिए तैयारी कर रहे थे । जिसमें कुछ तकनीकी खराबी थी । इसके बाद, जब लॉन्चिंग के लिए उलटी गिनती शुरू हुई तो 3 अंतरिक्ष यात्रियों में से एक ने कॉकपिट में आग लगने के बारे में बताया । लोकिन तब तक देर हो चुकी थी । मात्र 17 सेकंड में ही कार्बन मोनोऑक्साइड के कारण सभी crew members मौत हो गई।
GEMINI 8
Gemini 8 नासा के Gemini का छठा मानव निर्मित स्पेसक्राफ्ट था। इस मिशन ने orbit में दो अंतरिक्ष यान का पहला डॉकिंग आयोजित किया। Gemini program को Apollo Lunar Program को support करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। 1966 में, पहली बार Gemini 8 से, space docking की कोशिश की गई। इससे पहले ऐसा कभी कोई प्रयास नहीं किया गया था। Astronaut नील आर्मस्ट्रांग समेत बोर्ड पर दो और Astronauts थे। ये शटल अपने मिशन में सफल रहा। लेकिन डॉकिंग के 11 घंटे बाद आशंका के चलते Astronauts को जमीन पर takeoff करने पर मजबूर होना पड़ा।
SOYUZ 23
SOYUZ 23 शटल ने 1 9 76 से पहले के सभी मिशनों को पूरा कर लिया था। फिर 1 9 76 में SOYUZ 23 शटल की लॉचिंग ना सिर्फ सबसे खराब अंतरिक्ष हादसों में से एक साबित हुई बल्कि सबसे चमत्कारिक rescues में से एक भी बन गई । इसकी लॉन्चिग शुरू से ही समस्याओं से भरी पड़ी थी । सबसे पहले, लॉन्च पैड में cosmonauts को ले जाने वाली बस ही टूट गई फिर लॉन्च पैड तेज हवाओं के कारण अपनी जगह से थोड़ा खिसक गया । orbit में एक बार, डॉकिंग (docking) कार्यक्रम खराब हो गया जिसकी वजह से शटल space station से दूर हो गया । सोयुज को ये मिशन छोड़ने और पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा । एक बार फिर तेज हवाओं के कारण शटल की landing एक ठंडी झील पर करानी पड़ी। जिसके कारण SOYUZ 23 शटल डूब गया । हेलीकॉप्टर से इसे ऊपर खींचने के कई कोशिशें की गईं लेकिन सारी असफल रहीं और अंतरिक्ष यात्रियों (cosmonauts) को पूरी रात zero temperature में झील पर बितानी पड़ी। अगले दिन, SOYUZ 23 शटल को किनारे पर खींच लिया गया जिससे दोनों crew members को बचा लिया गया।
X-15 FLIGHT 3-65-97
1967 में, माइकल जे एडम्स अपनी सातवीं उड़ान के लिए तैयार थे । ये उड़ान X-15 FLIGHT 3-65-97 नाम के एक छोटे experimental aircraft के जरिए करनी थी। ये एक test flight थी। जिसे X-15 Flight 191 के नाम से भी जाना जाता है। 15 November 1967 को इसकी लॉन्चिंग तो सफल रही। लेकिन जैसे ही एडम्स 81,000 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचे , तो ये technical failure की वजह से नीचे की ओर गिरने लगा। जमीन से 20,000 मीटर ऊपर ही विमान में भयंकर विस्फोट हुआ और इसके कई टुकड़े हो गए साथ ही एडम्स की मौत भी हो गई।