What really happens to your body when you dream
हम सपने क्यों देखते हैं? सपने हमारे subconscious दिमाग की कल्पनाएं हैं। इसका विषय कई साल से लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है, जिसके ऊपर बहुत सारी researches भी की गई हैं। अरिस्टोटल और प्लेटो जैसे फिलोसफर्स ने इससे जुड़ी कई theories को develop किया … जबकि प्राचीन लोगों का मानना था कि सपने के ज़रिये भगवान उन तक कोई message पहुंचाना चाह रहें हैं …. आज लोग मानते हैं कि सपने लोगों की उन इच्छाओं को उभारते हैं जो उनके दिमाग के किसी कोने में कैद होती हैं … असल में, सपनों को दिमाग के सिग्नलस के रूप में देखा जा सकता है … सपने तब आते हैं जब हमारा दिमाग सबसे ज़्यादा ACTIVE MODE में होता है और हमारे सोने पर भी वो जाग रहा होता है। सपनों को कुछ भी समझा जा सकता है लेकिन एक बात तय है – सपने हमारी ज़िन्दगी को सुंदर और रोचक बनाते हैं। सपनों के बिना हमारा जीवन अधूरा सा है, और सच्चाई ये है कि हर इन्सान बाय डिफ़ॉल्ट सपने देखता है। लोग अच्छी चीजों से लेकर बुरी, परेशान कर देने वाली या CONFUSE करने वाली चीजों को देखते हैं … सपने सिर्फ सपने नही हैं .. वो उससे बढ़कर हैं…. तो चलिए सपनों के बारे में ऐसे 10 amazing facts को जानते हैं जिनके बारे में शायद आप पहली बार सुनेंगें –
पुरुषों और महिलाओं के सपनों के बीच का अंतर
दो अलग genders अलग तरीके के सपने देखते हैं। पुरुषों की तुलना में, महिलाएं अक्सर डरावने सपने देखती हैं। पुरुषों के सपनों में 67% किरदार पुरुष ही होते हैं जबकि महिलाऐं अपने सपने में सिर्फ 48% महिला-पात्रों को देखती हैं। इसका मतलब ये निकलता है कि पुरुष ज्यादातर अपने सपने में पुरुषों को देखते हैं और महिलाएं ।आदमी-औरत दोनों को समान रूप से अपने सपने में देखती हैं। इसके अलावा, पुरुष लड़ाई-झगड़े के बारे में ज़्यादा सपने देखते हैं। जिसके विपरीत, महिलाओं को बहुत ही परिचित सी चीज़ो के ख्वाब आते हैं।
जानवर भी देखते हैं ख्वाब
एक कुत्ते से लेकर चिम्पेंजी तक.. mammals की ऐसी कई प्रजातियां हैं जो अपने सपनों में काफी CLEAR दृश्य देखती हैं। कुछ studies से पता चला है कि सपने देखते समय उनके दिमाग में उसी तरह से तरंगे (waves) पैदा होती हैं जैसे कि एक इन्सान के दिमाग में सपने देखते वक़्त होती हैं। पिछली रात के सपने कि वजह से अगले दिन आपका पालतू जानवर कुछ अलग तरीके से behave कर सकता है। अगर कभी अपने कुत्ते को नींद में पंजे चलाते देखें तो आप ये मान सकते हैं कि वो सपने में किसी के पीछे भाग रहा होगा।
Blind लोग ज़्यादा देखते हैं सपने
ऐसा सोचना की न देख सकने वाले लोग सपना नहीं देखते .. बिल्कुल ग़लत है …. भले ही कुछ लोग देख न सकें लेकिन अपने sensory components की मदद से वो सपने ज़रूर देखते हैं…. जन्म से अंधे लोग अपने सुनने, सूंघने की क्षमता .. इसके अलावा इमोश्नस और टच जैसे सेन्स की मदद से सपनों में चीज़ो का एहसास करते हैं … हालांकि जो किसी कारणवश अंधे हो जाते हैं …उनके सपने में images एकदम क्लीयर आती हैं।
कई आविष्कारों का कारण सपने रहे हैं
अगर आपको ऐसा लगता है कि toilet seat पर बैठकर ही आपके दिमाग में सबसे अच्छे ideas आते हैं तो शायद आप 100% सही नहीं हैं। मानव जाति के इतिहास में, कुछ आविष्कार की जड़ें महान लोगों के सपनों से जुड़ी हैं। उदाहरण के तौर पर- Tesla को rotating magnetic field का idea उनके सपने में आया जिसके बाद उन्होंने alternating-current motor और generator का निर्माण किया। इसी तरह से लैरी पेज ने अक्सर ये बात कही है कि उन्हों मध्य रात्री के एक सपने में Google का विचार आया था।
इन्सान छह साल सपने देखते हुए बिताते हैं
इंसान एक रात में एक से ज़्यादा बार सपने देखता है। ये सपने अलग-अलग situations पर बेस्ड हो सकते हैं। हालांकि इन्सान अपने हर एक सपने को याद नहीं रख पाता। आम तौर पर एक सपना पांच से 20 मिनट तक रहता है। इस हिसाब से एक इंसान लगभग छह साल सपने देखने में बिताता है।
Sexual dream
अगर कोई व्यक्ति अपना ज़्यादातर समय सेक्स के बारे में बात करते हुए या उसे प्रेक्टिस करते हुए बिताता है तो वो नींद में इसके बारे में सपना देख सकता है। एक erotic सपने के दौरान लड़को के 20बार erections हो सकता है जबकि लड़कियों को भी गज़ब के orgasm का एहसास हो सकता है। हालांकि, उनके प्राइवेट पार्टस लुब्रिकेटेड हो सकते हैं और नहीं भी।
सपने हर कोई देखता है
हम सभी सपने देखते हैं। जो लोग ये कहते हैं कि उन्हें सपने नहीं आते असल में उन्हें अपने सपनों का एहसास नहीं होता। जागने के साथ ही हम आधे सपने तो वैसे ही भूल जाते हैं। जागने के 10 मिनट के अंदर, हम अपने सपने का 90% तक का हिस्सा भूल जाते हैं। लगभग 60% लोगों को अपने सपने बिल्कुल याद नहीं रहते और उन्हें लगता है कि वो सपने नहीं देखते।
सपनें में केवल परिचित चेहरे
हम अक्सर ऐसे लोगों को सपने में देखते हैं जिन्हें करीब से जानते हैं, लेकिन कभी-कभी, हमारे सपने में कुछ अन्जान चेहरों को देखकर। हम हैरान रह जाते हैं। आखिर कहां से आते हैं वो अंजान चेहरे ? क्या उनकी तस्वीर हमारे दिमाग में जन्म लेती है? असल में वो चेहरे हमने किसी न किसी समय पर अपनी जिन्दगी में देखे होते हैं। भले ही वो चैहरे हमें याद रहें न रहे, कहीं न कहीं वो हमारे ज़ेहन में बस जाते हैं। हमारा दिमाग उस image को हमारे सपने में पेश कर देता है जिसे हम नोटिस नहीं कर पाते हैं
सपनों का चस्का
आपने ऐसे लोगों के बारे में सुना होगा जो कल्पनाओं की दुनिया में जीते हैं। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो सपने देखना इतना पसंद करते हैं कि कभी नींद से जागना नहीं चाहते। नींद पूरी होने के बाद भी अपने सपने को जारी रखने के लिए। कुछ लोग Dimethyltryptamine डिमेथिलट्रिप्टामाइन नाम की एक दवा लेते हैं। जिससे उन्हें hallucination क्रीएट हो । डिमेथिलट्रिप्टामाइन । daydreaming के दौरान पैदा होना वाले केमिकल का सिंथेटिक रूप होता है
सपने होते हैं, नाकारात्मक
हम positive चीजों की तुलना में अक्सर negative चीजों को अपने सपने में ज़्यादा देखते हैं। सपने के दौरान महसूस कीए जाने वाले तीन सबसे common emotions हैं उदासी, चिंता और गुस्सा।
तो हैं न सपनो से जुड़े ये फैक्टस बिल्कुल ही amazing। क्या आपको लगता है कि लड़के वाकई में ज़्यादातर लड़को को अपने सपने में देखते होगें या कुछ और …. अपनी जवाब हमें कमेंट ज़रूर करें।