Pakistan’s ‘Earthquake Island’ Has Vanished
कुदरत कभी कभी ऐसे अजीब कारनामें दिखाती है कि यकीन ही नहीं होता कि ऐसा भी कभी हो सकता है। हमारे पडोसी देश पाकिस्तान में कुछ ऐसा हुआ है जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। जी हां पाकिस्तान के ग्वादर के समंदर के पास बना एक द्वीप रातोंरात गायब हो गया और किसी को भनक तक नहीं लगी। आखिर ऐसा हुआ कैसे ये अब एक रहस्य बनकर रह गया है। चलिए इसे विस्तार से जानते हैं।
पाकिस्तान में 2013 में भयानक भूकंप आया था। जिसकी तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 7.7 थी। इस भूकंप की चपेट में आकर 330 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इस शक्तिशाली भूकंप का केंद्र बलूचिस्तान के अवारान प्रांत से करीब 69 किलोमीटर दूर था। इस भूकंप के झटके ग्वादर के अलावा कराची, हैदराबाद, लरकाना और सिंध के शहरों में भी महसूस किए गए थे। लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान ग्वादर में ही हुआ था।
लेकिन ग्वादर में इस नुकसान के साथ ही कुछ अनोखा भी हुआ था। भूकंप के बाद लोगों ने यहां से कुछ दूरी पर समंदर में एक नए टापू को देखा। किसी को भी समझ में नहीं आ रहा था कि जहां पहले सिर्फ पानी होता था वहां ये टापू कैसे अचानक से उभर आया। लोग इस बात की तह तक जाने के लिए नाव के सहारे इस टापू पर पहुंचे। वहां लोगों ने देखा कि टापू कीचड, रेत और पत्थरों से भरा हुआ है। इस टापू का आकार देखने में एक अंडे की तरह नजर आ रहा था जहां चारों ओर मरी हुई मछलियां पडी हुईं थी। यही नहीं कई जगहों से मीथेन गैस भी निकल रही थी। कुछ लोगों ने वहां माचिस की तीली जलाई तो उस गैस ने आग पकड़ ली। जिसे बडी मुश्किल से बुझाया गया। लोगों के लिए ये किसी रहस्य से कम नहीं था।
ये टापू करीब 295 फीट लंबा और 130 फीट चौडा था। समंदर से इसकी ऊंचाई करीब 60 से 70 फीट थी। लोगों ने इसका नाम जलजला कोह रख दिया। जिसका मतलब होता है भूकंप का पहाड़। बाद में वैज्ञानिकों ने बताया कि भूकंप के दौरान टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने की वजह से इस टापू का निमार्ण हुआ है। उन्होंने बताया कि अरेबियन टेक्टोनिक प्लेट और यूरेशियन प्लेट के एक दूसरे से टकराने की वजह से समंदर की सतह पर प्रेशर बना और सतह पानी के ऊपर उभर आया।
2013 में ये टापू बना था लेकिन अब जब नासा ने सैटेलाइट के द्वारा इस जगह की तस्वीरें जारी की तो वो टापू कहीं भी नजर नहीं आ रहा है। टापू समंदर के बीच से गायब हो गया है। इस बात से लोग हैरान है कि आखिर वो टापू कहां चला गया। क्योंकि 6 साल के बाद वो टापू गायब हो गया है।
जब यहां के बुजुर्ग लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां पहले भी ऐसा हो चुका है। उन्होंने कहा कि करीब 60 से 70 साल पहले ऐसी ही एक घटना में यहां ऐसे ही एक टापू का निमार्ण हुआ था जब हमने इस बात की जांच की तो पाया कि वो लोग सही कह रहे थे क्योंकि 1945 में ग्वादर से करीब 100 किलोमीटर पूरब में तेज भूकंप आया था। इसलिए हो सकता है कि ऐसे ही किसी टापू का निमार्ण हुआ हो।
आपको क्या लगता है कि टापू कहां गायब हो गया। वीडियो के नीचे हमें अपना जबाव बताएं।