इस दुनिया में किसी भी चीज को पाने के लिए पैसे की जरूरत होती है, जिसके के लिए इंसान को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इंसान हर उस कीमती चीज को अपना बनाना चाहता है जो महंगी हो। भारत में त्यौहार और शादी के मौके पर सोने और चांदी से बने गहने देने का रिवाज है, जबकि कुछ अमीर लोग डायमंड यानि कि हीरे की वस्तुओं का आदान-प्रदान करते हैं। क्योंकि हीरा खरीद पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती, यह एक अनमोल धातु है जिसकी कीमत लाखों में होती है। दुनिया भर में हीरे की खदान पाई जाती है, उससे व्यापार संबंधी काम किया जाता है। इसी तरह दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण हीरा कोहिनूर भारत में पाया गया था, जो आज इंग्लैंड की महारानी के ताज की शोभा बढ़ा रहा है।
हीरा बड़ा हो या छोटा, उसकी चमक हर किसी की आंखों को चकाचौंध कर देती है। लेकिन क्या हो अगर आपको एक या दो नहीं बल्कि बाल्टी भर हीरे एक साथ मिल जाए? यह किसी हसीन सपने से कम नहीं होगा, क्योंकि इतनी कीमती धातु का मिलना असंभव सी बात लगती है। लेकिन क्या हो अगर धरती पर अचानक हीरे की बारिश होने लगे? हम जानते हैं कि धरती पर पानी की बारिश होती है, जिससे मौसम खुशनुमा हो जाता है। पर अगर आसमान से पानी की बूंदों की जगह हीरे बरसने लगे तो आप क्या करेंगे?
दूसरे ग्रहों पर हीरे की बारिश
हम कोई मजाक नहीं कर रहे हैं क्योंकि हमारे सौरमंडल में मौजूद दूसरे ग्रहों पर हीरे की बारिश होती है। जी हां… बृहस्पति (Jupiter) और शनि (Saturn) जैसे ग्रहों में पानी की जगह हीरे की बारिश होती है, इसलिए इन ग्रहों के लिए हीरा अनमोल वस्तु नहीं है। लेकिन यहां सवाल खड़ा होता है कि आखिर बृहस्पति और शनि जैसे ग्रहों पर हीरे की बारिश कैसे होती है? इस सवाल के जवाब में वैज्ञानिकों का कहना है कि इन ग्रहों पर हीरे की बारिश होने का ताल्लुक उनके वातावरण से जुड़ा हुआ है। दरअसल आंधी, तूफान, बिजली और वायुमंडलीय दबाव के कारण हीरा बनने की शुरुआत होती है। आंधी और तूफान की वजह से Saturn के वातावरण में मौजूद मीथेन गैस शीशे में तब्दील हो जाती है।
जिसके बाद बहुत ज्यादा वायुमंडलीय दबाव होने के कारण शीशे हीरे में बदल जाते हैं। इस तरह शनि और बृहस्पति ग्रह पर हीरे की बरसात होने लगती है। लेकिन जब यह हीरे Saturn की धरती तक पहुंचते हैं, तो वहां के अत्यधिक तापमान की वजह से हीरा पिघल जाता है और तरल रूप ले लेता है, और कुछ समय बाद गायब हो जाता है। वैज्ञानिकों की मानें तो Saturn पर हर साल 1 मिलियन किलोग्राम हीरे की बारिश होती है, लेकिन यह हीरा किसी भी प्रकार से इंसानों के काम नहीं आ सकता। पर तब क्या हो जब Saturn की जगह हमारी पृथ्वी पर हीरे की बरसात होने लगे। क्या हम सब बहुत अमीर बन जाएंगे या धरती पर हर वस्तु का निर्माण सिर्फ हीरे से ही किया जाएगा? इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको यह वीडियो आखिर तक देखना होगा।
धरती पर हीरे की बारिश
आसमान में घनघोर बादल छाते ही हर कोई खुशी से झूम उठता है, बारिश की बूंदें ही गर्मी में राहत पहुंचाने का काम करती है। बारिश की वजह से फसलों की सिंचाई होती है, जबकि नदी और झीलों में पानी का स्तर बढ़ जाता है। लेकिन आपने कभी सोचा है अगर आसमान से पानी की जगह हीरे बरसने लगें तो क्या होगा? शायद नहीं… क्योंकि इस तरह की बात नामुमकिन सी लगती है, लेकिन जब दूसरे ग्रहों पर हीरे की बारिश हो सकती है तो हमारी धरती पर क्यों नहीं। फिर देर किस बात की आइए जानते हैं अगर धरती पर हीरे की बारिश हुई तो क्या होगा?
अगर आपको बारिश में भीगने का शौक है, तो जरा सावधान हो जाइए क्योंकि आसमान से हीरे की बारिश आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। दरअसल जब आसमान से हीरे धरती पर गिरेंगे तो उनकी रफ्तार बारिश की बूंदों की तरह हल्की नहीं होगी। यह तो हम सभी जानते हैं कि हीरा काफी कठोर होता है और जब कोई कठोर वस्तु स्पीड के साथ हमारी तरफ बढ़ती है तो उससे गंभीर चोट लगने की संभावना रहती है। हीरे की बारिश के दौरान भी ऐसा ही कुछ होगा, क्योंकि एक छोटा सा हीरा भी बड़े पत्थर की तरह चोटिल कर सकता है। हीरे का बाहरी हिस्सा काफी नुकीला होता है, जिसकी वजह से गंभीर चोट लग सकती है।
इसके अलावा अगर कोई आसमान से गिरते हीरे को पकड़ने की कोशिश करेगा तो उसको भी शारीरिक आघात पहुंच सकता है। कई मामलों में इंसान की मौत भी हो सकती है। ऐसे में जब धरती पर हीरे की बारिश होगी तो इंसान को अपने घर में छिपकर रहना पड़ेगा, क्योंकि कोई भी जानबूझ कर अपना सिर नहीं फोड़ना चाहेगा। अगर आपने कभी बारिश के बीच ओले की मार सहन की है, तो आप अच्छी तरह समझ सकते हैं कि आसमान से कठोर चीज गिरने पर कितनी चोट लगती है।
हीरे की बारिश की वजह से कार के शीशे, कांच से बने खिड़की-दरवाजे और कमजोर दीवारों को भी नुकसान पहुंचेगा। हीरे की बारिश कुछ इस तरह की होगी कि वह धरती पर खुशहाली से ज्यादा तबाही मचाने का काम करेगी। ऐसे में धरती वासियों को मजबूत घर बनाने होंगे, जिसमें शीशे के खिड़की-दरवाजे न हो। इसके अलावा अपनी कार को खुले में पार्क करने की जगह कोई सुरक्षित जगह ढूंढनी पड़ेगी। छोटे और गरीब लोगों पर हीरे की बारिश का ज्यादा नुकसान होगा, क्योंकि उनके कमजोर घर इसकी मार झेल नहीं पाएंगे और टूट जाएंगे। वहीं कई लोग जख्मी हो जाएंगे। अगर वेदर फॉरकास्ट के माध्यम से आपको हीरे की बारिश का पता पहले से ही चल जाए तो भी आप ज्यादा कुछ नहीं कर पाएंगे। ज्यादा से ज्यादा खुद को सुरक्षित रखने के लिए आपको मजबूत हेलमेट खरीदना पड़ेगा, ताकि बारिश में आपके सिर पर गंभीर चोट न लगे।
जंगली जानवर होंगे प्रभावित
अब जाहिर सी बात है कि धरती पर हीरे की बारिश होगी तो उससे सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी प्रभावित होंगे। जंगल में रहने वाले सैकड़ों जीव-जंतु मौसम के इस बदलाव को समझ ही नहीं पाएंगे। उनके घर और घोंसले इतने मजबूत नहीं होते कि नुकीले हीरों की मार झेल सके, ऐसे में सैकड़ों जीव-जंतुओं के घर टूट जाएंगे। वहीं कई जीव गंभीर रूप से घायल होने लगेंगे। ऐसे में संभव है कि जंगल के जीव बड़ी संख्या में मरने लगे, अगर ऐसा होगा तो चारों तरफ जीव-जंतुओं की लाश पड़ी होगी। जिसे ठिकाने लगाने का काम इंसान को ही करना पड़ेगा।
पानी में रहने वाले जीव भी हीरे की बारिश के प्रकोप से खुद को नहीं बचा पाएंगे। ऐसे में छोटी मछलियां और शार्क आदि हीरे से घायल होने लगेंगे। जीव-जंतुओं के पास खुद का इलाज करने की कला नहीं होती, ऐसे में कई दिनों तक जख्मी रहने की वजह से उनमें संक्रमण फैलने का भय रहेगा। वहीं यह संक्रमण जानवरों से इंसानों में भी तेजी से फैल सकता है। अगर हीरे की बारिश से मांसाहारी जीव मरने लगे तो दूसरे जीव-जंतुओं की लाश पड़े-पड़े सड़ने लगेगी, जिसकी वजह से हवा में बदबू और संक्रमण फैलने लगेगा। इन सब चीजों का असर इंसान पर पडे़गा और नई-नई बीमारियों का जन्म होगा।
हीरा नहीं रहेगा अनमोल
हीरे की बारिश खत्म होने के बाद आप बाहर आ सकते हैं और अपनी छत और आसपास गिरे हीरों को समेट सकते हैं। जैसा कि आप में से ज्यादातर लोग करेंगे, लेकिन उस समय हीरा पहले की तरह अनमोल नहीं रहेगा। क्योंकि यह कीमती वस्तु अब हर किसी के पास होगी और लोग उसे खरीदने के लिए उत्सुक नहीं होंगे। ऐसे में हीरे का मोल बहुत ही मामूली हो जाएगा और कोई भी अमीर नहीं बन पाएगा। क्योंकि आसमान से गिरे हीरे को न तो कोई खरीदना चाहेगा और न ही किसी को हीरे की अंगूठी चाहिए होगी।
हालांकि इतना सारा हीरा होने की वजह से इंसान नई चीजों का निर्माण शुरू कर देगा। जैसे कि ईंट और सीमेंट की जगह हीरे से बने मकान बिकने लगेंगे। इसके अलावा डायमंड से बनी कार, फर्नीचर और सामान का प्रचलन होगा। हालांकि तब हीरे के प्रति लोगों की पसंद पहले की तरह नहीं होगी। जो लोग आज हीरे से बनी चीज को देखने और खरीदने के लिए तरसते हैं, वहीं लोग हीरे को पूछेंगे तक नहीं।
पर्यावरण पर पड़ेगा बुरा असर
जब धरती पर पानी की जगह हीरे की बारिश होगी तो इसका असर इंसान और जानवरों के साथ-साथ पर्यावरण पर भी पड़ेगा। हमारी धरती का निर्माण पर्यावरण के अनुरूप हुआ है और जब भी धरती पर पर्यावरण के विपरीत कोई गतिविधि होती है तो उससे भयानक तबाही मचती है। अगर धरती पर पानी की जगह हीरे बरसने लगेंगे तो धीरे-धीरे चारों तरफ पानी की कमी होने लगेगी। यह तो हम सभी जानते हैं कि बारिश का पानी सिंचाई, खेती और पानी के स्रोतों के लिए कितना जरूरी होती है।
जब एक साल मानसून कमजोर होने पर अनाज के दाम बढ़ जाते हैं तो धरती पर कभी पानी की बारिश न होना अपने आप में भयावक है। हीरे की बारिश की वजह से पहले ही फसलों को काफी नुकसान होगा, वहीं अगर किसी तरह कुछ फसल बच भी जाएगी तो पानी की कमी की वजह से वह भी खराब हो जाएगी। यह हाल एक या दो देशों का नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का होगा। ऐसे में हम किसी दूसरे देश से आहार नहीं खरीद पाएंगे।
बारिश न होने की वजह से नदी और झील धीरे-धीरे सूखने लगेंगे और लोगों को पीने का पानी नहीं मिलेगा। ऐसी स्थिति में भूख और प्यास की वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हो जाएगी और जो लोग जीवित बचेंगे वह खाने के लिए एक-दूसरे की हत्या करने पर ही आमदा हो जाएंगे। बारिश न होने की वजह से पेड़-पौधे और जंगल सूखने लगेगे और गर्मी बढ़ने लगेगी, जिसकी वजह से ग्लेशियर और बर्फ तेजी से पिघलने लगेगी। जंगलों में गर्मी की वजह से आग लग जाएगी और ग्लेशियर पिघलने की वजह से बाढ़ और सुनामी आ जाएगी, जिसकी वजह से शहर के शहर जलमग्न हो जाएंगे।
जीव-जंतु तो पहले ही इस बदलाव के कारण अपनी जान गवां चुके होंगे, जिसकी वजह से हवा में उनकी लाशों की बदबू होगी। ऐसी स्थिति में इंसान का सांस लेना मुश्किल हो जाएगा और कुछ समय बाद धरती से जीवन पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। उसके बाद धरती पर हीरे की बारिश हो या चांदी की, उसको देखने के लिए कोई मौजूद नहीं होगा।
कभी नहीं होगी हीरे की बारिश
अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि धरती पर पानी की जगह हीरे की बारिश होने से क्या कुछ हो सकता है। लेकिन आपको इस स्थिति से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि धरती पर कभी हीरे की बारिश नहीं हो सकती। तब तक बिल्कुल नहीं जब तक इंसान धरती पर मौजूद है। दरअसल इसका कारण है धरती का वातावरण, जो दूसरे ग्रहों से बिल्कुल अलग है। धरती के वातावरण में मीथेन गैस की मात्रा बहुत कम है, ऐसे में आंधी-तूफान की वजह से मीथेन गैस का शीशे में परिवर्तित होना नामुमकिन है।
वहीं पृथ्वी का वायुमंडलीय दबाव इतना ज्यादा नहीं है कि वह शीशे को हीरे में बदल सके, क्योंकि ऐसा करने के लिए धरती का वायुमंडलीय दबाव मौजूद प्रेशर से 1 हजार गुना ज्यादा होना चाहिए। और भविष्य में कभी धरती का वायुमंडलीय दबाव इतना ज्यादा हो भी जाता है तो उस स्थिति में धरती पर जीवन की कल्पना कर पाना नामुमकिन है। क्योंकि इतने ज्यादा प्रेशर में किसी जीव या इंसान का जिंदा रह पाना नामुमकिन है। यानि अगर कभी धरती का वातावरण और वायुमंडल हीरे की बारिश के अनुकूल होगा भी तो इंसान उस बारिश का सामना करने के लिए जीवित नहीं बचेगा। इसलिए किसी को भी हीरे की बारिश से होने वाली तबाही से डरने की जरूरत नहीं है।
हीरे की बारिश की कल्पना करने मात्र से ही धरती पर मौजूद जीवन प्रभावित होने लगता है, अगर सच में कभी ऐसी स्थिति आ जाए तो उससे बच पाना लगभग नामुमकिन होगा। वैसे तो धरती पर हीरे की बारिश नहीं होगी, लेकिन अगर इस तरह की कोई घटना होती है तो आप जिंदा रहने के लिए कौन-से तरीके अजमाएंगे, हमें कमेंट सेक्सन में जरूर बताएं। हो सकता है आपके द्वारा बताए गए उपाय किसी को मुश्किल घड़ी से निकलने में मददगार साबित हो।
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