शिकारियों से बचने के लिए अनोखे तरीके आजमाते हैं ये जीव

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Electric eel fish vs crocodile

Defense Mechanisms Animals Use to Survive

इस दुनिया में हर जीव को जिंदा रहने के लिए दूसरे की मौत पर निर्भर रहना पड़ता है, जिस तरह शाकाहारी जीव पेड़-पौधों पर निर्भर रहते हैं ठीक उसी तरह मांसाहारी जीव शाकाहारी जीवों को खाकर पेट भरते हैं। इसी तरह धरती पर लाइफ सर्कल चलता रहता है, लेकिन हर जीव खुद को बचाने के लिए अलग-अलग तरह की तरकीब अपनाता है। आज हम आपको ऐसे ही कुछ विचित्र जीवों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो खुद को शिकारियों से बचाने के लिए अद्भुत तकनीक अपनाते हैं।

Defense Mechanisms Animals

Horned lizard

Horned lizard
Credit: .pinterest

Horned lizard यानि सींग वाली छिपकली, जिसे Horny Toads और Horn toads के नाम से भी जाना जाता है। यह छिपकली मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका में पाई जाती है, जिसके शरीर पर कांटेदार आकृति बनी होती है। यह छिपकली दिखने में दूसरी प्रजातियों के मुकाबले काफी अलग लगती है, इसका शरीर लंबा होने के बजाय चपटा होता है जो काफी हद तक पत्ते की तरह लगता है।

Horned lizard मुख्य रूप से गहरे भूरे, काले और हरे रंग की होती है, इस प्रजाति के नर आमतौर पर 94 mm तक बढ़ते हैं जबकि मादा 144 mm तक लंबी होती हैं। Horned lizard का औसत वजन 25 से 90 ग्राम के बीच होता है, यह छिपकली मुख्य रूप से जहरीली चींटियों को खाकर जिंदा रहती है। लेकिन जब कोई बड़ा जीव Horned lizard पर हमला करने की कोशिश करता है, तो यह अपनी आंखों से खून की तेज धार निकलती है।

जी हां… Horned lizard के अंदर ऐसी अद्भुत क्षमता है, जिसके जरिए यह अपनी आंखों से 5 फीट की दूरी तक खून फेंक सकती है। दरअसल यह छिपकली मस्तिष्क के एक हिस्से में खून की कुछ मात्रा को स्टोर कर लेती है और जब कोई जीव इस पर हमला करने की कोशिश करता है तो ये अपनी आंखों से खून को पिचकारी की तरह निकालना शुरू कर देती है।

Horned lizard द्वारा फेंक गए इस खून में जलन पैदा करने वाला केमिकल पाया जाता है, जो सामने वाले जीव को काफी हद तक परेशान कर देता है। जिसकी वजह से हमलावर जीव तुरंत Horned lizard से दूर भाग जाता है।

Japanese Bees

Japanese Bees
Credit: jaffnamuslim

Japanese Bees का साइनटिफिक नाम Apiscerana japonica है, जो मधुमक्खी की ही एक प्रजाति है। यह मधुमक्खी मुख्य रूप से जापान में ही पाई जाती है, लेकिन इसकी मुसीबत तब बढ़ जाती है जब Giant Hornet इन पर हमला करती है। आपको बता दें कि Giant Hornet को दुनिया का सबसे खतरनाक उड़ने वाला कीड़ा माना जाता है, जो Japanese Bees के दल को काफी परेशान करती है।

दरअसल Giant Hornet अपने भोजन के रूप में Japanese Bees को खाती है, ऐसे में खुद को हमले से बचाना Japanese Bees के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि भगवान ने Japanese Bees को बचने के लिए एक खास तरह की तकनीक दी है। जब भी कोई शिकारी Japanese Bees पर हमला करता है तो Defense Mechanisms के तहत यह अपने सभी पंखों को आपस में समेट कर अपनी बॉडी का तापमान बढ़ा लेती है।

ऐसे में जब सभी Japanese Bees एक साथ मिलती है तो उनकी बॉडी का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इस स्थिति में जब Giant Hornet इन मधुमक्खियों पर हमला करती है, तो उनके जलने की वजह से उसकी मौत हो जाती है। वहीं इतना ज्यादा तापमान होने के बाद भी Japanese Bees को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। इसके अलावा Japanese Bees के पास 6 mm लंबा और खतरनाक डंक होता है। इस डंक में जानलेवा विष पाया जाता है, जिसकी कुछ मात्रा इंसान की जान लेने के लिए काफी है।

Electric Eel

Electric Eel
Credit: smithsonianmag

इलेक्ट्रिक ईल दक्षिण अमेरिकी और अमेजॉन नदी में पाई जाने वाली एक इलेक्ट्रिक मछली है, जिसके नाम से ही आप इसकी विशेषता समझ गए होंगे। Electric Eel का शरीर लंबा और बेलनाकार है, जिसकी औसत लंबाई 2 मीटर तक होती है जबकि इसका वजन 20 किलोग्राम तक हो सकता है। इस ईल की पीठ का रंग गहरा भूरा होता है, जबकि पेट हल्का पीला या नारंगी रंग का होता है।

Electric Eel दुश्मन से बचने और हमलावर को चेतावनी देने के लिए अपने शरीर से करंट छोड़ती है। दरअसल इस ईल के पेट में Main Organ, Hunter’s organ और Sach’s organ नामक तीन अलग-अलग जोड़ होते हैं, जो आपस में मिल कर इसके शरीर में लो और हाई वोल्टेज दो प्रकार के करंट को उत्पन्न करते हैं। करंट पैदा करने वाले यह अंग इलेक्ट्रोसाइट्स (Electrocytes) से बने होते हैं।

जब Electric Eel को चेतावनी देनी होती है तो यह अपने शरीर से लो वोल्टेज करंट छोड़ती है। वहीं जब इसे किसी जीव को मारना होता है तो यह हाई वोल्टेज करंट पैदा करती है। यह करंट इतना तेज होता है कि कोई भी जीव मिनटों में मर सकता है। Electric Eel पानी में सांस नहीं ले सकती है, इसलिए यह हर 15 मिनट के अंतराल में पानी की सतह पर ऑक्सीजन लेने आती है।

Rough Skinned Newt

Rough Skinned Newt
Credit: coniferousforest

उत्तरी अमेरिका में पाया जाने वाले Rough Skinned Newt एक छोटा लेकिन जहरीला जीव है, जिसका जहर सायनाइड से भी ज्यादा खतरनाक होता है। दरअसल जानलेवा विष की यह मात्रा उसकी त्वचा से निकलता है। गोलाकार थूथन वाले Rough Skinned Newt का रंग हल्का भूरा, जैतूनी या काला हो सकता है, जबकि इसके शरीर का निचला हिस्सा नारंगी और पीले रंग का होता है।

एक व्यस्क Rough Skinned Newt की लंबाई 6 से 9 सेंटीमीटर तक बढ़ती है, हालांकि कुछ मामलों में 11 से 18 सेंटीमीटर लंबे जीव भी देखे गए हैं। इस जीव के शरीर में tarichatoxin नामक जहर पाया जाता है, जो Pufferfish में भी होता है। यह जहर इतना शक्तिशाली होता है कि सामने वाले जीव के दिमाग पर तुरंत घातक प्रभाव डालता है। कुछ ही देर में शिकार हुए जीव का लंग्स और हार्ट काम करना बंद कर देते हैं और उसकी मौत हो जाती है।

यही जहर Rough Skinned Newt को शिकारियों से बचने में मदद करता है, क्योंकि जैसे ही कोई इसके करीब आता है तुरंत इसके खतरनाक जहर की वजह से घायल हो जाता है।

Hagfish

Hagfish
Credit: workingus

समुद्र की तलहटी पर रहने वाली Hagfish दुनिया का इकलौता ऐसा जीव है, जिसके पास एक खोपड़ी तो है लेकिन कोई Vertebral Column नहीं होता। Hagfish का शरीर काफी हद तक ईल की तरह होता है, लेकिन यह पानी में रहने वाले तमाम जीवों के लिए बहुत खतरनाक साबित होती है।

Hagfish की औसत लंबाई 50 सेंटीमीटर तक होती है, जो समुद्र की गहराई में कीचड़ से बने बिल में रहना पसंद करती है। यह मछली गुलाबी, नीले, भूरे, काले और सफेद रंग की हो सकती है, जिसकी बॉडी काफी लचीली होती है।
यह शार्क जैसी विशालकाय जीव को भी मारने की क्षमता रखती है, असल में Hagfish बड़े जीव के शरीर के अंदर घुस जाती है और वहां अपना जहर छोड़ देती है। इस तकनीक का इस्तेमाल करके Hagfish किसी भी बड़ी समुद्री मछली को शिकार बना सकती है।

इसके जहर से कुछ ही मिनटों में सामने वाले जीव के शारीरिक अंग काम करना बंद कर देते हैं। Hagfish का जहर किसी जीव के Nervous System को प्रभावित करने के लिए काफी होता है और यही जहर इसे समुद्र में जीवित रहने में मदद करता है।

Bombardier Beetle

Bombardier Beetle
Credit: naviri.org

Bombardier Beetle ग्राउंड बीटल की एक प्रजाति है, जो मुख्य रूप से आत्मरक्षा के अनोखे तरीके के लिए जाना जाता है। यह बीटल अपने शिकारियों से बचने के लिए अपने पेट की नाभि से एक पॉपिंग ध्वनि (popping sound) निकालता है। इस आवाज के साथ ही उसके पेट से हानिकारक रसायन स्प्रे की तरह बाहर निकलता है।

इस स्प्रे में hydroquinone and hydrogen peroxide नामक दो रासायनिक यौगिक मौजूद होते हैं, जो जहरीला होने के साथ-साथ काफी गर्म भी होता है। Bombardier Beetle द्वारा छोड़े गए इस जहरीले स्प्रे का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो सकता है।

यह बीटल मांसाहारी होता है और छोटे कीड़ों के शिकार पर निर्भर रहता है। लेकिन खुद को कभी भी किसी बड़े जीव का शिकार नहीं होने देता, क्योंकि इसके पास अपनी सुरक्षा करने के लिए विशेष प्रकार की तकनीक होती है।
Bombardier Beetle द्वारा छोड़े गए जहरीले और गर्म स्प्रे की वजह से हमलावर शिकारी तुरंत दूर हो जाता है और कुछ की तो मौत भी हो जाती है। Bombardier Beetle और उसकी इस आत्मरक्षा प्रणाली को लेकर दुनिया भर के 1 लाख से ज्यादा वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं।

तो ये थे एनिमल किंगडम के कुछ ऐसे जीव, जो अपनी आत्मरक्षा के लिए (Defense Mechanisms Animals) अनोखे और विचित्र तरीके अपनाते हैं। उम्मीद है कि इन जीवों के बारे में जानकर आपको अच्छा लगा होगा और आपकी जानकारी बढ़ी होगी।

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