दिमाग से जुड़ीं ये दिलचस्प बातें, आप नहीं जानते

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27 Interesting Facts About Your Mind

कहते हैं पूरी दुनिया में दिमाग  सिर्फ इंसान  का ही  दिमाग सबसे ज्यादा विकसित होता है ।जो शरीर का एक बहुत ही IMOPRTANT  PART है जिसके बिना हमारा शरीर बेकार हो जाएगा।जैसे कि  कंप्यूटर का सीपीयू उसका दिमाग है जिसके न होने से कंप्यूटर कोई काम नहीं कर सकता ।दिमाग ही हमारे शरीर को कंट्रोल करता है।  हमारा दिमाग कभी रुकता या थकता नहीं है।तभी तो  जब हम सो रहे होते हैं तब भी ये  अपना काम कर रहा होता है। तो चलिए जानते हैं दिमाग से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में ….

महिलाओं की तुलना में  पुरुषों  का दिमाग 10 % बड़ा होता है इसके बावजूद भी महिलाएं आसानी से कई काम एक साथ कर सकती है। हालांकि पुरुषों के  मुकाबले महिलाओं के दिमाग की तंत्रिका कोशिकाएं ज्यादा होती हैं।

एक Adult इंसान के  मस्तिष्क का वजन लगभग 1350 से 1400 ग्राम होता है । यानी  पूरे शरीर के वजन का लगभग 2 %  ।

हमारा दिमाग 5 साल तक 95% बढ़ता है और 18 तक होते होते 100% विकसित हो जाता है । उसके बाद बढ़ना बंद हो जाता है

हमारे दिमाग में लगभग 86 अरब मस्तिष्क कोशिकाएं (brain cells) होती हैं।

हमारे दिमाग में 1,00,000 मील लंम्बी रक्त वाहिकाएँ  यानी Blood vessels होती हैं।

हर न्यूरॉन  , per second  मॆं 1000 Nerve Impulses को transmit कर सकता है।

सभी brain cells एक समान नहीं होती  हैं। हमारे  दिमाग  में 10,000 विशेष प्रकार के  न्यूरॉन्स हैं

आपको जानकर हैरानी होगी । दिमाग में 5 से 10 मिनट की  ऑक्सीजन की कमी से भी  हमारा brain damage हो सकता है।

आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन हमारा दिमाग 30 साल के  होने के बाद सिकेड़ने लगता है।

.Human brain ,1,016 per second  में  प्रक्रियाओं में सक्षम है। जो हमारे दीमाग को  किसी भी कंप्यूटर से ज्यादा powerful बनाता है

एक normal दीमाग का वजन हमारे शरीर के कुल वजन का लगभग 2% होता है। शरीर की कुल ऊर्जा और ऑक्सीजन का 20% इस्तेमाल करता है। इसमें 73% तो सिर्फ पानी  होता है।

हमारे दिमाग का 40% हिस्से का रंग Grey है जबकि 60% का रंग है। Grey हिस्से में न्युरॉन होते हैं जो जानकारी के  संचार का काम करते हैं ।

इंसानी दिमाग में एक सैकेंड में 1 लाख रसायनिक प्रतिक्रियायें होती हैं।

दिमाग को 2 हिस्सों में बांटा गया है – बांया औऱ दांया।  हमारे दिमाग का बांया हिस्सा। दांए शरीर और दांया हिस्सा बांए शरीर को कंट्रोल करता है ।

बचपन की कुछ साल हमें याद नहीं रहते क्योंकि उस समय तक चीजों को याद करने वाला HIPPOCAMPUS DEVELOP नहीं हो पाता ।

हम जिस तरह के गाने सुनते हैं उसी तरह से हम दुनिया को देखने लगते हैं।

इंसान के दिमाग लिए सबसे मुश्किल काम – खुद को ये समझाना कि अब मुझे किसी की परवाह नही हैं।

हमारे  दिमाग  का वजन लगभग तीन पाउंड है । जिसमें से तो 60 % सिर्फ fat है, जो इससे  शरीर का सबसे fatty organ बनाता है ।

हिप्पोकैम्पस,( hippocampus) हमारे दिमाग का वो हिस्सा “मेमोरी सेंटर” माना जाता है।

वैज्ञानिकों का मानना हैं कि ब्रह्माण्ड में सबसे मुश्किल और रहस्मयी चीज इंसानी दिमाग है ।

हम जो सोचते हैं उसका 90%  असर सीधा हमारे मूड पर पड़ता है। एक गलत विचार पूरे मूड को खराब कर सकता है। इसीलिए अच्छा सोचों और हेल्दी रहो।

ALBERT EINSTEIN  के दिमाग का वजन 1230  ग्राम का  था यानी सामान्य से थोड़ा कम । लेकिन फिर भी वो कितने महान वैज्ञानिक थे । ये सभी जानते हैं । इससे ये साबित होता है कि  दिमाग के वजन से कोई फर्क ही नहीं पड़ता।

हम अपने दिमाग में न्युरॉनज़ की संख्या brain activity  करके बढ़ा सकते हैं । शरीर के जिस हिस्से का हम ज्यादा उपयोग करते हैं वो और भी ज्यादा विकसित होता जाता है।

वजन के मामले में अभी  तक सबसे भारी दिमाग एक रूसी WRITER ‘Ivan Turgenev’ का था। जिसका वजन लगभग 2.5 किलो था और 1883 में उसकी मृत्यु हुई थी ।

हमारा दिमाग जानकारियों का आदान प्रदान 260MPH की रफ्तार से करता है । जो एक फार्मूला वन कार रेस की सबसे ज्यादा स्पीड यानी 240MPH  से भी ज्यादा है ।

हमारे दिमाग की storage capacity unlimited है।ये  कंप्यूटर में  लगी रैम की तरह कभी FULL नहीं होता ।

हमारे शरीर के सभी हिस्सों से सूचना अलग स्पीड से और अलग न्युरॉन के द्वारा हमारे दिमाग तक पहुँचती है ।  सारे न्युरॅान एक जैसे नही होते ।कई ऐसे न्युरॅान भी होते है जो सूचना को 0.5 मीटर प्रति सैकेंड की स्पीड से दिमाग तक पहुँचाते है और तो कई  120 मीटर प्रति सैकेंड से ।एक रिसर्च के मुताबिक  हमारे दिमाग की  memory capacity  क्वाड्रिलियन होती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस capacity  में तो पूरे इंटरनेट को स्टोर

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