ब्रह्माण्ड में इन 5 जगहों पर हो सकता है एलियंस का बसेरा

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Aliens planet

एलियंस और दूसरी दुनिया से जुड़ी बातें हमेशा से हमारे लिए रहस्य रही हैं, जिनकी खोज वैज्ञानिक आज भी कर रहे हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा समेत दुनिया भर के वैज्ञानिक मानते हैं कि इस अंतरिक्ष में कहीं न कहीं दूसरी दुनिया के लोग निवास करते हैं। हालांकि इस सिलसिले में आज तक किसी प्रकार के सबूत नहीं मिले हैं। वहीं समय-समय पर लोगों ने आसमान में UFO को देखने का दावा किया है।

इंटरनेट पर इस तरह की कई तस्वीरें और वीडियो मौजूद हैं जो एलियंस के अस्तित्व को लेकर सवाल खड़े करते हैं। लेकिन अगर हम आपसे कहें कि वैज्ञानिकों ने ऐसी जगह खोज निकाली है जहां एलियंस हो सकते हैं तो क्या आप हमारी बात पर यकीन करेंगे? असल में नासा ने कुछ समय पहले 5 ऐसी जगहों के बारे में जिक्र किया था, जहां एलियंस यानि दूसरी दुनिया के लोग हो सकते हैं। आज हम आपको उन्हीं 5 जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां एलियंस का अस्तित्व होने की आशंका जताई जा रही है।

LHS 1140 b

LHS 1140 b
Credit: pasquinerovirtual

अंतरिक्ष में मौजूद LHS 1140 b एक विशाल और ठोस चट्टानों वाला लाल ग्रह है। जिसे साल 2017 में MEarth Project के तहत खोजा गया था। यह ग्रह पृथ्वी के द्रव्यमान का 7 गुना और 40 प्रतिशत विशाल है, इसलिए इसे Super-Earth के नाम से भी जाना जाता है। पृथ्वी से मिलती-जुलती संरचना होने के कारण वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां परग्रही यानि एलियंस हो सकते हैं।

LHS 1140 b की बनावट, तापमान और तत्व सब कुछ जीवन की संभावना के अनुकूल हैं। इसके अलावा यह साइज में भी धरती से काफी बड़ा है जहां बड़ी संख्या में एलियन बस्तियां हो सकती हैं। धरती से 40 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद LHS 1140 b की खोज के बाद नासा के वैज्ञानिक एलियंस से जुड़े रहस्यों का पता लगाने के लिए और भी उत्साहित हो गए हैं। इसलिए इस ग्रह की हर हरकत पर नजर रखने के लिए High Accuracy Radial velocity Planet Searcher (HARPS) नामक टेलीस्कोप की मदद ली जा रही है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस ग्रह के आसपास ऐसी हरकतों को नोटिस किया गया है, जो बिल्कुल भी प्राकृतिक नहीं लगती है। इसलिए इस बात की संभावना और ज्यादा बढ़ जाती है कि LHS 1140 b एलियंस का घर हो सकता है। इसी सिलसिले में नासा के वैज्ञानिकों की एक टीम लगातार रिसर्च कर रही है। आपको बता दें पृथ्वी से इस ग्रह को सिग्नल भी भेजा गया है, जिसे पहुंचने में 40 साल का लंबा वक्त लगेगा। लेकिन अगर वहां से कोई जवाब आता है, तो यह वैज्ञानिकों के लिए बड़ी सफलता होगी।

Trappist-1

Trappist-1 star
Credit: researchgate.net

Trappist-1 लाल रंग का एक तारा है, जो बृहस्पति ग्रह की तुलना में थोड़ा बड़ा है। यह सूर्य से 39.6 और धरती से 39.46 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। इस Planetary System की खोज साल 2017 में की गई थी, जिसमें 7 ग्रह मौजूद हैं और निरंतर इसकी परिक्रमा कर रहे हैं। वैज्ञानिकों की मानें तो इस Planetary System में मौजूद ग्रहों का तापमान काफी हद तक पृथ्वी से मिलता-जुलता है, जिसकी वजह से यहां जीवन की संभावना जताई जाती है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि इन ग्रहों का तापमान सामान्य होने के कारण यहां पानी तरल रूप में पाया जा सकता है। इसलिए उनका मानना है कि Trappist-1 में मौजूद ग्रहों में दूसरी दुनिया यानि एलियंस हो सकते हैं, जो इंसानों की तरह वहां जीवन व्यतीत कर रहे हो। इसके अलावा इस Planetary System में जीवन की संभावना को बढ़ाने वाले कई तत्व मौजूद हैं, इसलिए वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां एलियंस पाए जा सकते हैं। यही वजह है कि नासा के वैज्ञानिक Trappist-1 पर लगातार अपनी नजर बनाए हुए हैं और उससे जुड़ी रिसर्च कर रहे हैं।

Kepler-186f

Kepler-186f
Credit: minutouno

Kepler-186f एक एक्सोप्लेनेट है, जो पृथ्वी से लगभग 582 प्रकाश वर्ष की दूरी पर Kepler-186 नामक तारे की परिक्रमा करता है। यह पहला ऐसा ग्रह है, जो रेडियस के मामले में पृथ्वी के समान है। यह ग्रह अपने तारे से इतना दूर है कि इसका तापमान जीवन के अनुकूल है। Kepler-186f पृथ्वी के मुकाबले 10 प्रतिशत बड़ा है, लेकिन यहां पानी होने के सबूत नहीं मिलते हैं।

17 अप्रैल 2014 को खोजे गए इस ग्रह के बारे में वैज्ञानिकों को अभी भी कई तरह की जानकारी जुटानी है। हालांकि अगर इस ग्रह में पानी और ऑक्सीजन की मात्रा पाई जाती है, तो संभव है कि यहां एलियंस रहते होंगे। वैज्ञानिक Kepler-186f की संरचना और वहां मौजूद तत्वों का पता लगाने के लिए रिसर्च रह रहे हैं और हो सकता है कि उन्हें जल्द ही इस काम में कामयाबी मिले।

Titan

titan moon
Credit: nhpr.org

टाइटन शनि का सबसे बड़ा चंद्रमा है और सौर मंडल में दूसरा सबसे बड़ा प्राकृतिक उपग्रह है। यह एकमात्र चंद्रमा है, जिसे घने वायुमंडल के रूप में जाना जाता है। अंतरिक्ष में पृथ्वी के अलावा यह एकमात्र चंद्रमा है, जहां की सतह में जीवन के लिए अनुकूल तरल तत्वों के प्रमाण खोजे गए हैं। हालांकि इस चंद्रमा पर जीवन व्यतीत करने की प्रक्रिया धरती से बिल्कुल अलग है, क्योंकि यहां मौजूद पानी पूरी तरह से जमा हुआ है। Titan का तापमान काफी कम है, जिसकी वजह से कोई भी तरल चीज ठोस रूप में जम जाती है।

नासा के वैज्ञानिकों का मानना है कि जिस जगह पर पानी किसी भी रूप में मौजूद होता है, वहां जीवन की संभावना भी बढ़ जाती है। भले ही Titan पर इंसान नहीं रह सकते हैं, लेकिन यहां एलियंस और कम तापमान में जीवित रहने वाले जीव-जंतु जरूर होंगे। वैज्ञानिकों की मानें तो Titan पर वह एलियंस रहते होंगे, जो कम तापमान में भी आसानी से जीवित रह सकते हैं और जिन्हें सूर्य की गर्मी की ज्यादा जरूरत नहीं होती। हालांकि स्पष्ट रूप से कुछ भी कहने से पहले नासा इस चंद्रमा की संरचना और बाकी चीजों को लेकर रिसर्च कर रहा है।

Ganymede

Ganymede moon
Credit: heritagedaily

Ganymede बृहस्पति ग्रह का एक चंद्रमा है, जो सौर मंडल के चंद्रमाओं में सबसे विशाल है। इसका व्यास 5,268 किलोमीटर है और यह बुध ग्रह की तुलना में 5 प्रतिशत बड़ा है। इस ग्रह पर पानी होने के सबूत नहीं मिलते हैं, लेकिन इसकी सतह के नीचे पानी तरल रूप में मौजूद है। रिसर्च से पता चलता है कि Ganymede की सतह के अंदर पृथ्वी से भी ज्यादा पानी मौजूद है।

यही नहीं एक समय ऐसा भी था जब इस पानी में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई थी। बाढ़ की वजह से ही Ganymede की सतह पर काफी दरारें आ गई थीं, हालांकि इस बात से पता चलता है कि यहां के पानी में जलीय जीव हो सकते हैं। रिसर्च से Ganymede के बारे में पता चली बातों से वैज्ञानिकों को लगता है कि यहां एलियंस हो सकते हैं, जो जमीन के अंदर से पानी निकाल कर अपना गुजारा करते होंगे। Ganymede की अद्भुत संरचना और पानी की उपस्थिति इसे एलियन ग्रह बनाने का काम करती है, जिसे लेकर वैज्ञानिक खोज कर रहे हैं।

तो ये थे वह 5 ग्रह जहां एलियंस के होने की संभावना जताई जा रही है, यह जगह धरती से इतनी दूर है कि यहां जाकर सीधे तौर पर किसी भी बात का पता नहीं लगाया जा सकता। लेकिन हमारे वैज्ञानिक टेक्नोलॉजी की मदद से हर संभव प्रयास कर रहे है कि वह एलियंस तक पहुंच पाए। हालांकि सवाल अब भी यही है कि क्या हम कभी एलियंस को ढूंढ पाएंगे? अपना जवाब कमेंट सेक्सन में जरूर बताएं।

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