World War II Bomb Found During Dredging Operations In Kolkata
कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस बंदरगाह के पास हुगली नदी में की जा रही ड्रेजिंग यानी गाद हटाने के काम के दौरान दूसरे विश्व युद्ध के समय का एक बहुत बड़ा बम मिला। इसका वजन लगभग 450 किलोग्राम का है जिसे अमेरिकी सेना द्वारा बनाया गया था । बता दें अमेरिकी सेना ने 1942 से 1945 के बीच चीन-बर्मा (वर्तमान में म्यांमार) – भारत के युद्धक्षेत्र में ऐसे ही बमों का इस्तेमाल किया था । एक्सपर्टस का मानना है कि ये इतना खतरनाक था कि इसके फटने से आस पास के करीब आधा किलोमीटर तक की जगह में मौजूद लोगों की जान जा सकती थी। खुदाई के दौरान मिले इस बम को देखकर कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के कर्मचारियों को पहले लगा कि ये एक टारपीडो है । इसकी सूचना उन्होंने कोलकाता में भारतीय नौसेना के बेस को दी और बम को निष्क्रिय करने के लिए सेना से मदद मांगीं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस बंदरगाह, ‘किंग जॉर्ज बंदरगाह’ के नाम से जाना जाता था। अमेरिकी सेना ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इसका उपयोग किया था। दूसरे विश्व युद्ध में करोड़ों लोग मारे गए थे । 70 देशों की थल-जल-वायु सेनाएं इसमें शामिल थीं। कहते हैं इस युद्ध में लगभग 10 करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया और जिसमें करीब 7 करोड़ लोगों की मौत हुई थी। इसीलिए दूसरे विश्व युद्ध को मानव इतिहास का सबसे खतरनाक युद्ध कहा जाता है। जिसमें कई देशों के नामों निशां तक मिट गए। ये पहला मौका नहीं है कि जब द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गिराए गए बम , जिंदा मिले हों। आज हम आपको उन देशों के बारें में बताएंगे जहां ऐसे ही जिंदा बम मिले हैं।
लंदन
फरवरी 2018 में लंदन की टेम्स नदी में ऐसा ही एक बम मिला, जिसके बाद वहां हड़कंप मच गया । जिसके कारण यहां से गुजरने वाली सभी उड़ानों को रद कर दिया गया था। यहां मिले इस बम का वजन लगभग 500 किलोग्राम था जो करीब डेढ़ मीटर लंबा था। जो लंदन सिटी एयरपोर्ट के पास मिला था। ब्रिटिश नौसेना और पुलिस द्वारा इस बम को दो दिन बाद निकाला गया। अधिकारियों का मानना है कि इस बम को जर्मनी ने लंदन पर गिराया होगा। उनका कहना था कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी और लंदन के बीच हुए युद्ध में जर्मनी के विमानों ने लंदन पर बमबारी की थी। हो सकता है उसी समय ये बम बिना फटे ही टेम्स नदी में गिर गया होगा।इससे पहले भी मार्च 2017 में लंदन के एक स्कूल के पास दूसरे विश्व युद्ध का बम मिला था। जो करीब ढाई सौ किग्रा वजनी था ।ये बम स्कूल के पास ब्रॉड्सबरी पार्क में जमीन में गड़ा मिला। जिसके बाद रॉयल इंजीनियर्स ने इसे डिफ्यूज कर दिया था।
फ्रांस
फ्रांस में भी मार्च 2012 को दूसरे विश्व युद्ध का एक जिंदा बम मिला था। जो यहां के मरसिली में एक निर्माणाधीन इमारत में काम के दौरान मजदूरों को मिला। जिसका वजन एक टन बताया गया। ये बम दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने फ्रांस पर गिराया था। इसे डिफ्यूज करने से पहले यहां के पूरे इलाके को खाली कराया गया ।फिर इसे जमीन से निकालकर सावधानी से मिलिट्री बेस तक ले जाया गया। जहां इसको निष्क्रय किया गया। मजदूरों को इस बम का पता तब चला।जब जमीन के अंदर इसका एक हिस्सा धमाके के साथ उड़ गया । सुरक्षकर्मियों का कहना था कि ये बम बहुत शक्तिशाली था क्योंकि इतने वर्षों तक जमीन में होने के बाद भी यह काम कर रहा था। इससे भारी नुकसान की संभाना थी ।
ग्रीस
ग्रीस के दूसरे सबसे बड़े शहर थेस्सालोनिकी में एक गैस स्टेशन के नीचे अप्रैल 2017 को 226 किलो का बम बरामद किया गया । जो दूसरे विश्व युद्ध का बताया गया। जब वहां फ्यूल टैंक की मरम्मत का काम किया जा रहा था। इसके मिलने के बाद शहर से 1.2 मील के दायरे तक रहने वाले करीब 70 हजार लोगों को कहीं दूर भेज दिया गया। जिसके बाद ग्रीक मिलिट्री ने इसे सफलतापूर्वक डिफ्यूज किया था।
जर्मनी
आपको जानकर हैरानी होगी , कि जर्मनी जैसे ताकतवर देश के ऊपर भी कोई बम गिरा सकता है । जी हां अगस्त 2017 में यहां के फ्रैंकफर्ट शहर में एक जिंदा बम मिला । इसको डिफ्यूज करने के लिए यहां के 80 हजार लोगों को दूर कही दूसरी जगह भेजा गया। इसका वजन 1400 किलो था। इसे ब्रिटेन का बताया गया। एक इमारत के निर्माण कार्य के दौरान ये बम मिला । जिसमें 1.4 टन का विस्फोटक पदार्थ था। इसको वहां की आर्मी ने डिफ्यूज कर दिया था ।इससे पहले 2016 में भी जर्मनी के ऑग्सबर्ग (Augsburg )शहर में दूसरे विश्व युद्ध में गिराया गया। करीब दो टन वजनी एक जिंदा बम मिला। जिसकी वजह से पूरे शहर को खाली कराना पड़ा था। बता दें ऑग्सबर्ग (Augsburg ) में मिला ये अभी तक का सबसे बड़ा बम था जिसे ब्रिटेन की सेना ने जर्मनी पर गिराया था।
हांगकांग
जनवरी 2018 में हांगकांग की पुलिस को दूसरे विश्व युद्ध के समय का 453 किलो वजनी एक बम मिला । जिसे एक घंटे चले अभियान के बाद डिफ्यूज कर दिया गया था। ये वांचाई (Wan Chai )नगर की घनी बस्ती में एक निर्माणाधीन इमारत के पास मजदूरों को दिखाई दिया। ये पहला मौका नहीं था जब हांगकांग में कोई बम मिला हो . इससे पहले भी यहां इस तरह के कई बम मिल चुके हैं.. जिसे यहां कि पुलिस ने डिफ्यूज किया था।पुलिस का कहना था कि वो एएन-एम65 बम था जिसे अमेरिका ने 1941 से 1945 के बीच गिराया होगा ।